डेवी अल्बा. बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों द्वारा सोशल मीडिया पर लाइक्स और फॉलोअर का फर्जीवाड़ा रोकने के प्रयासों को सफलता नहीं मिली है। नाटो स्ट्रेटेजिक कम्युनिकेशन एक्सीलेंस सेंटर के शोधकर्ताओं की एक रिपोर्ट के अनुसार फेसबुक और टि्वटर जैसी कंपनियां इस गड़बड़ी के सामने असहाय हैं। कोई भी व्यक्ति पैसा देकर अधिक लाइक, कॉमेंट और क्लिक के लिए किसी कंपनी की सेवाएं ले सकता है।
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